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क्या आप बता सकते हो कि हनुमान जी के जीवन की एकमात्र हार किस युद्ध में हुई थी ?

श्री देव्यापराध क्षमापन स्तोत्रं ॥

  माँ दुर्गा की पूजा समाप्ति पर करें ये स्तुति, तथा पूजा में हुई त्रुटि के अपराध से मुक्ति पाएँ। श्री देव्यापराध क्षमापन स्तोत्रं ॥ न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथा: । न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ 1 ॥ विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतया विधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् । तदेतत्क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ 2 ॥ पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहव: सन्ति सरला: परं तेषां मध्ये विरलतरलोSहं तव सुत: । मदीयोSयं त्याग: समुचितमिदं नो तव शिवे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ 3 ॥ जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया । तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ 4 ॥ परित्यक्ता देवा विविधविधिसेवाकुलतया मया पंचाशीतेरधिकमपनीते तु वयसि । इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ॥ 5 ॥ श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरा निरातंको रंको विहरति चिरं कोटि

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics in hindi

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा !! एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा! माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा! माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

Om Jai Lakshmi Mata Aarti Lyrics in hindi| Laxmi Mata Aarti

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता । सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता । खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता । उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

Aarti kunj bihari ki lyrics in hindi - आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

aarti kunj bihari ki lyrics in hindi ,   आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली। लतन में ठाढ़े बनमाली; भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक; ललित छवि श्यामा प्यारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं। गगन सों सुमन रासि बरसै; बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग; अतुल रति गोप कुमारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा। स्मरन ते होत मोह भंगा; बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच; चरन छवि श्रीबनवारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू। चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू; हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद; टे