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Showing posts from November, 2019

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics in hindi

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा !! एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा! माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा! माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

Om Jai Lakshmi Mata Aarti Lyrics in hindi| Laxmi Mata Aarti

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता । सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता । खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता । उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥

Aarti kunj bihari ki lyrics in hindi - आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

aarti kunj bihari ki lyrics in hindi ,   आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली। लतन में ठाढ़े बनमाली; भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक; ललित छवि श्यामा प्यारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं। गगन सों सुमन रासि बरसै; बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग; अतुल रति गोप कुमारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा। स्मरन ते होत मोह भंगा; बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच; चरन छवि श्रीबनवारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू। चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू; हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद; टे

om jai jagdish aarti lyrics ॐ जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हरे

भगवान् विष्णु की आरती ॐ जय जगदीश हरे  , स्वामी जय जगदीश हरे om jai jagdish aarti lyrics  आरती संग्रह से ली गयी भगवान् विष्णु की आरती  ,  aarti om jai jagdish lyrics  Om Jai Jagdish Hare (ओम जय जगदीश हरे) Song by Anuradha Paudwal ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐजय जगदीश हरे ,  स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट, दास ज़नो के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन का सुख सम्पति घर आवे सुख सम्पति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय जगदीश हरे मात पिता तुम मेरे शरण करो गहूं किसकी स्वामी शरण गहूं किसकी तुम बिन और ना दूजा तुम बिन और ना दूजा आस करूँ जिसकी ओम जय जगदीश हरे तुम पूरण, परमात्मा तुम अंतरियामी स्वामी तुम अंतरियामी पार ब्रह्म परमेश्वर पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश हरे तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी पालन करता मैं मूरख खलकामी मैं सेव