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google ke 29 cool tricks

Google  ek aisa search engine hai jaha par lagbhag har cheej ke bare me janakary hoti hai. aiye jante hai google ki kuchh cool tricks , jinse ap google ko aur bhi intrested bana sakte ho-

जानिए क्या है LIC | lic के बारे में पूरी जानकारी | एलआईसी के लोकप्रिय प्लान

दोस्तों आपने life insurance के बारे में तो सुना होगा , ये एक प्रकार का बांड होता है जिसमे insurance कंपनी विभिन्न प्लान्स के आधार पर आपको सुविधाएँ प्रदान करती है | LIC ( Life insurance corporation of india ) भी एक प्रकार की insurance कंपनी है , जो insurance के फील्ड में सबसे अधिक लोकप्रिय और विश्वशनीय कंपनी है| LIC अपने  विभिन्न प्लान्स के आधार पर आपको अपने अनुसार जीवन बीमा चुनने का अवसर देती है | लोकल भाषा में इसे भारतीय जीवन भीमा निगम कहते है | वैसे हिंदी में इसका मतलब भी यही होता है | भारत में अधिकतर लोग हिंदी भाषा में पत्र व्यवहार करते है इसलिए यहाँ  इसे भारतीय जीवन बीमा निगम से जाना जाता है | इसके अतिरिक्त lic की short form  यानी lic भी लोगो के बीच प्रचलित है | कई लोग lic और भारतीय जीवन बीमा निगम को अलग अलग कंपनी मानते है जबकि इनमे अंतर केवल इतना है , एक short form है औए दूसरा हिंदी नाम | ये तो थी lic के बारे में कुछ बाते अब हम विस्तार से देखते है lic के बारे में LIC ( Life insurance corporation of india ) : भारतीय जीवन बीमा निगम (lic) की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को भ

om jai jagdish aarti lyrics ॐ जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हरे

भगवान् विष्णु की आरती ॐ जय जगदीश हरे  , स्वामी जय जगदीश हरे om jai jagdish aarti lyrics  आरती संग्रह से ली गयी भगवान् विष्णु की आरती  ,  aarti om jai jagdish lyrics  Om Jai Jagdish Hare (ओम जय जगदीश हरे) Song by Anuradha Paudwal ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐजय जगदीश हरे ,  स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट, दास ज़नो के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन का सुख सम्पति घर आवे सुख सम्पति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय जगदीश हरे मात पिता तुम मेरे शरण करो गहूं किसकी स्वामी शरण गहूं किसकी तुम बिन और ना दूजा तुम बिन और ना दूजा आस करूँ जिसकी ओम जय जगदीश हरे तुम पूरण, परमात्मा तुम अंतरियामी स्वामी तुम अंतरियामी पार ब्रह्म परमेश्वर पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश हरे तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी पालन करता मैं मूरख खलकामी मैं सेव